छिंदवाड़ा जिले में 14 बच्चों की मौत के बाद अब बैतूल जिले के आमला ब्लॉक में दो मासूम बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया।
दोनों का इलाज परासिया के एक ही निजी डॉक्टर से हुआ था। परिजनों ने कफ सिरप पर शक जताया है। प्रारंभिक जांच में किडनी फेल्योर कारण बताया गया है।
Kids health कफ सिरप का कहेर बच्चों को रखे इन से दूर
स्वास्थ्य विभाग ने विस्तृत जांच शुरू की है।मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 16 तक पहुंच चुका है।
छिंदवाड़ा जिले में 14 बच्चों की मौत के बाद अब बैतूल जिले के आमला ब्लॉक में दो मासूम बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में इन बच्चों की मौत का कारण भी किडनी फेल होना बताया जा रहा है। दोनों बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में ही डॉ. प्रवीण सोनी के पास हुआ था।
परासिया में बच्चों की मौत के मामले में डॉ. सोनी को गिरफ्तार किया जा चुका है। बैतूल जिले में पहला मामला निहाल (2 वर्ष) पुत्र निखिलेश धुर्वे, निवासी जामुन बिछुआ का है।
तबीयत बिगड़ने पर बच्चे को बैतूल और फिर एम्स भोपाल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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